यह भी निर्विवाद रूप से परबतसिंह ने स्वीकार कर लिया हैं कि उसने अग्रेषण पत्र प्रदर्श पी. 98 के द्वारा हमीरसिंह व घेवर राम के स्पेसिमैन अंगठा चिन्ह व मस्टर रोल के विवादास्पद अंगठा चिन्ह जॉच के लिये भिजवाये थे।
12.
इसके विपरीत जेताराम पी. डब्ल्यू. 26 ने यह बताया हैं कि उसने जोरा के बाये व दाये हाथ के अंगूठो के निशान प्रदर्श पी86 से 89 प्राप्त किये थे तथा प्रदर्श पी. 23 अग्रेषण पत्र द्वारा प्रभुनारायण सिपाही के साथ अंगल चिन्ह सग्रहालय में जॉच हेतु भेजे थे।
13.
अतः प्र पी 99 अग्रेषण पत्र द्वारा दोनों के हाथों के साफ साफ अंगठा चिन्ह लेकर चेतनराम के साथ भिजवाये गये परन्तु परबतसिंह द्वारा न्यायालय में दी गई साक्ष्य में यह नहीं बताया गया हैं कि उसने दो बार हमीराराम व घेवर राम के स्पेसिमैन अंगठा चिन्ह लिये थे।
14.
इसका अनुमोदन पी. डब्ल्यू. 10 गणपतसिंह व पी. डब्ल्यू. 12 इन्द्रजीतसिंह ने भी किया हैं तथा निदेशक अंगल चिन्ह विशेषज्ञ, जयपुर को अग्रेषण पत्र प्रदर्श पी. 72 सिपाही प्रभुनारायण के साथ इनको नवा की किश्तो के आवेदन पत्र प्रदर्श पी. 4 के साथ मिलान करने के लिये भेजा था।
15.
दिनांक 5-8-2000 को पुलिस उप अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, नागौर का जांच के लिये अग्रेषण पत्र के साथ चार सीलबन्द शीशियॉ स्पेशिमैन नमूना सहित मार्क आर 1, एल 1, आर आर 1, एल एल 1, वस्त्रावृत पैकट मार्क ए 1 विशेष वाहक राजेशकुमार नम्बर 139 के द्वारा प्रयोगशाला में लाये गये।
16.
अग्रेषण पत्र प्र पी 17 पर एक्स स्थान पर नमूना सील अंकित हैं तथा इसमें स्पष्ट कहा गया हैं कि फर्द नमूना सील भी साथ में भेजी गई थी अतः सफाई पक्ष द्वारा प्रस्तुत की गई नजीर संख्या 10 लागू नही होती हैं तथा सफाई पक्ष का तर्क अमान्य किये जाने योग्य हैं।
17.
सफाई पक्ष द्वारा यह तर्क दिया गया हैं कि यह साबित नहीं किया गया है कि सील जिससे नमूने को सील किया गया पंच गवाह को सौपी गई थी तथा यदि पंच गवाह को सौप दी गई तो कार्यालय में जाकर बाद में अग्रेषण पत्र व नमूनो पर नमूना सील कैसे लगाई गई।
18.
अग्रेषण पत्र प्र पी 17 चतुरसैन द्वारा गवाह रजाक मोहम्मद के साथ विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया हैं तथा इसमें स्पष्ट रूप से यह वर्णन किया गया हैं कि रज्जाक मोहम्मद के साथ जो पॉच सीलबन्द शीशीयॉ भेजी जा रही हैं इन पर लगी सील (27) का नमूना सील सलग्न फर्द नमूना सील से मिलते जुलते हैं।
19.
इसी प्रकार प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी. 24 चाक की, अग्रेषण पत्र प्रदर्श पी. 3 के साथ नमूना विजयदान सिपाही के साथ विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जमा कराने हेतु भेजे जिन पर इस गवाह ने अपने हस्ताक्षर बताये और यह भी कथन किया कि नमूना विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जमा कराने की रसीद प्रदर्श पी. 2 हैं।
20.
पी. डब्ल्यू. 7 हेतराम सिपाही ने अपनी साक्ष्य में इस बात का अनुमोदन किया हैं कि दिनांक 6.101989 को प्रदर्श पी. 21 अग्रेषण पत्र के जरिये वह धोवन की तीनों सीलबन्द शीशीया मदनसिंह से प्राप्त कर ले गया था तथा दिनांक 1110.89 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर में सीलबन्द हालत में जमा करवाकर उसकी रसीद प्राप्त की।