यादें अच्छी भी होती हैं और बुरी भी, पर यादें तो यादें होती हैं और उसे अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं होता है।
12.
खैर अब अम्माजी को अब तसल्ली हो गई कि तुमको अच्छे बुरे का ज्ञान हो गया अऊर तुम इन सब को समय रहते चीन्ह गये.
13.
यंत्रों की प्रारंभिक आकृतियां मनोवैज्ञानिक चिन्ह हैं जो मानव की आंतरिक स्थिति के अनुरूप उसे अच्छे बुरे का ज्ञान, उसमें वृद्धि या नियंत्रण को संभव बनाती हैं।
14.
बच्चे भी घर के दिये संस्कार तथा बाहर समय व माहौल को देखकर उलझे से रहते हैं क्योंकि तब उन्हें अच्छे बुरे का ज्ञान तो थोड़ा थोड़ा होने लगता है।
15.
पर तुमने ही ऊ बख्त हमार बात नाही सुनी...खैर अब अम्माजी को अब तसल्ली हो गई कि तुमको अच्छे बुरे का ज्ञान हो गया अऊर तुम इन सब को समय रहते चीन्ह गये.
16.
क्रोध के अविजित सम्मोहन से स्मृति-विभ्रम होता है, अच्छे बुरे का ज्ञान लुप्त हो जाता है, इस प्रकार स्मृति विभ्रम से बुद्धि नष्ट हो जाती हे और बुद्धि नष्ट होते ही व्यक्ति अपने पथ से भटक जाता है।
17.
लेकिन जैसा कि नशे की खासियत बताई गई है कि आदमी नशे की हालत में अपनी असलियत पर उतर आता है (सभ्य भाषा में इसे कहते हैं कि अपना होश खो बैठता है और उसे अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता है)
18.
जैसे एक माँ अपने बच्चे की सबसे अच्छी दोस्त होती है जो उसका हमेशा ध्यान रखती है, उसको गलत राह पर जाने से रोकती है, अच्छे संस्कारों का बीज रोपित करती है, अच्छे बुरे का ज्ञान कराती है, हर वक़्त उसका ध्यान रखती है!
19.
यंत्र एक आश्चर्यजनक चिन्ह के रूप में ब्रह्मांड की सच्चाईयों और मानव के आध्यात्मिक अनुभवों को प्रदर्शित करते हुए मार्गदर्शक होता है यंत्रों की प्रारम्भिक आकृतियॉं, मनोवैज्ञानिक चिन्ह है जो मानव की आंतरिक स्थिति के अनुरूप उसे अच्छे बुरे का ज्ञान उसमें वृद्धि या नियंत्रण को सम्भव बनाती हैं।
20.
लेकिन जैसा कि नशे की खासियत बताई गई है कि आदमी नशे की हालत में अपनी असलियत पर उतर आता है (सभ्य भाषा में इसे कहते हैं कि अपना होश खो बैठता है और उसे अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता है) शायद इसीलिए कुछ नर सहानभूतिकारों ने होली के दिन भांग की ठंडाई का चलन तय किया होगा.