(2) गुणित अनुपात का नियम (लॉ ऑव मल्टिपुत्र प्रोपोर्शस) अणुवाद की पुष्टि करता है।
12.
अभाज्य अणुओं के साथ प्राचीन अणुवाद ने शून्य के अस्तित्व को भी स्वीकार किया।
13.
अभाज्य अणुओं के साथ प्राचीन अणुवाद ने शून्य के अस्तित्व को भी स्वीकार किया।
14.
प्राचीन काल में अणुवाद दार्शनिक विवेचन का एक प्रमुख विषय था, परंतु वैज्ञानिकों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
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प्राचीन काल में अणुवाद दार्शनिक विवेचन का एक प्रमुख विषय था, परंतु वैज्ञानिकों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
16.
परंपरा का निबाह करते हुए बादरायण व् यास ने भी प्रधान कारणवाद, अणुवाद, विज्ञानवाद, आदि सिद्धांतों की समीक्षा की।
17.
अणुवाद का दावा है कि प्रत्येक प्राकृत पदार्थ अणुओं से बना है और पदार्थों का बनना तथा टूटना अणुओं के संयोग वियोग का ही दूसरा नाम है।
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अणुवाद का दावा है कि प्रत्येक प्राकृत पदार्थ अणुओं से बना है और पदार्थों का बनना तथा टूटना अणुओं के संयोग वियोग का ही दूसरा नाम है।
19.
अणु के लिये सबसे प्राचीन ग्रन्थ उपनिषदों मे अणुवाद अथवा अणु का उल्लेख कम ही मिलता है, इसी कारण से अणुवाद का उल्लेख वेदान्त सूत्रो मे कम ही मिलता है,क्योंकि उनकी दार्शनिक उदगम भूमि उपनिषद ही है,अणुवाद का उल्लेख सांख्य और योग मे भी नही मिलता है,अणुवाद वैशेषिक दर्शन का एक प्रमुख अन्ग है,और न्याय ने भी इसे मान्यता प्रदान की है,जैन धर्म ने इसे स्वीकार किया है,और (अभिधर्म-कोष) की व्याख्या के नौसार आजीविकों ने भी इसको मान्यता दी है.
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अणु के लिये सबसे प्राचीन ग्रन्थ उपनिषदों मे अणुवाद अथवा अणु का उल्लेख कम ही मिलता है, इसी कारण से अणुवाद का उल्लेख वेदान्त सूत्रो मे कम ही मिलता है,क्योंकि उनकी दार्शनिक उदगम भूमि उपनिषद ही है,अणुवाद का उल्लेख सांख्य और योग मे भी नही मिलता है,अणुवाद वैशेषिक दर्शन का एक प्रमुख अन्ग है,और न्याय ने भी इसे मान्यता प्रदान की है,जैन धर्म ने इसे स्वीकार किया है,और (अभिधर्म-कोष) की व्याख्या के नौसार आजीविकों ने भी इसको मान्यता दी है.