| 11. | हमारे देश के अतिनूतन युग के शैलों में पृष्ठवंशियों, विशेषत स्तनधारियों के जीवाश्म प्रचुरता से मिलते हैं।
|
| 12. | उच्च सिवालिक तंत्र के टेट्राट और पिंजर नामक भाग ही अतिनूतन के अधिकांश भाग के समकालिक हैं।
|
| 13. | चौथे भाग अतिनूतन (Pliocene) में बंदर जैसे प्राणियों का सीधे चलनेवाले मानव में परिवर्तन प्रारंभ हो गया।
|
| 14. | [10] अतिनूतन युग के ग्लूकोडोन बैलेराटेन्सिस को क्वोल और डैविल की मध्यवर्ती प्रजाति करार दिया गया है.
|
| 15. | उच्च सिवालिक तंत्र के टेट्राट और पिंजर नामक भाग ही अतिनूतन के अधिकांश भाग के समकालिक हैं।
|
| 16. | हमारे देश के अतिनूतन युग के शैलों में पृष्ठवंशियों, विशेषत स्तनधारियों के जीवाश्म प्रचुरता से मिलते हैं।
|
| 17. | इसके बाद अतिनूतन युग (pliocene) में आज की तरह का जलवायु और पर्याप्त नवीन जीवन था।
|
| 18. | काल प्रकरण के अनुसार तृतीय कल्प के अंतर्गत आदिनूतन (Eocene), अधिनूतन (Oligocene), अल्पनूतन (Miocene), अतिनूतन (Pliocene) के चार युग आते हैं।
|
| 19. | अतिनूतन युग के शैल सिंध तथा बलूचिस्तान में, पंजाब, कुमाऊँ तथा असम के हिमालय की पादमालाओं में और बरमा में पाए जाते हैं।
|
| 20. | यदि मध्य नूतन युग और अतिनूतन युग की विशेषता शक्तिशाली क्षैतिज बल थी, तो अत्यंत नूतन युग की ख़ासियत ज़बरदस्त उत्थान शक्ति थी।
|