साथ ही इन्द्रियों का अबाध बल, अतुल सम्पत्ति, तेजस्विता, वीरता, कीर्ति और शारीरिक बल भी उसने उनकी कृपा से प्राप्त कर लिये थे।
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तनिक विचार कर देखो, कहाँ अगाध ऐश्वर्य, स्वर्णपुरी तथा अतुल सम्पत्ति का एकछत्र स्वामी और कहाँ वह राज्य से निकाला हुआ, कंगालों की भाँति वन-वन में भटकने वाला, हतभाग्य साधारण सा मनुष्य!
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अतुल सम्पत्ति अतुल सम्पत्ति पटीई टीन के डिब्बे में सुरक्षित रखना पाट्र ताफक अमित धनराशि छोटा शिकार प्रशाधन नौकरी से निकालना मलमूट्र पाट्र कैन कमोड स्कुल से निकालना गद्दी पर बैठाना अल्मारी गमले मे रोपना टीन में रखना काम से निकालना पुरस्कारअ पटअ राजगद्दी
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अतुल सम्पत्ति अतुल सम्पत्ति पटीई टीन के डिब्बे में सुरक्षित रखना पाट्र ताफक अमित धनराशि छोटा शिकार प्रशाधन नौकरी से निकालना मलमूट्र पाट्र कैन कमोड स्कुल से निकालना गद्दी पर बैठाना अल्मारी गमले मे रोपना टीन में रखना काम से निकालना पुरस्कारअ पटअ राजगद्दी
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तनिक विचार कर देखो, कहाँ अगाध ऐश्वर्य, स्वर्णपुरी तथा अतुल सम्पत्ति का एकछत्र स्वामी और कहाँ वह राज्य से निकाला हुआ, कंगालों की भाँति वन-वन में भटकने वाला, हतभाग्य साधारण सा मनुष्य! क्या तुम इन दोनों के बीच का महान अन्तर नहीं देखती।
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बनाना बहुत सारा एकट्ष करना तोदूमल पर्यटन करना स्नेहालिंगन करना बर्तावअ फाहा ढेर लगना व्यवहारअ इमारतों का समूह टुकड़ों में बाँटना अवलोकन करना मोड़ देना डील अतुल सम्पत्ति क्रीस्त याग चलाना चुटकी बहुत सारा गद्दी समूह क्रमबद्ध ढेर लगाना दृश्य दर्शन भोजनालय मोड़ने का निशान इक्कट्ठा करना बँटाई स्काउट दल
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सबसे बड़ी विडम्बना तो यह है कि ईमानदारी के साथ अपना काम करने वाले के पास, जीवन भर मेहनत-मशक्कत करने के बावजूद भी, उतना ही रुपया आ पाता है जितने में उसके परिवार का निर्वाह हो सके, अपना खुद का एक मकान बनवाने के लिए उसे फायनेंस का सहारा लेना पड़ता है जबकि चोरी-बेईमानी करने वाले लुटेरे अतुल सम्पत्ति के मालिक हैं।
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सबसे बड़ी विडम्बना तो यह है कि ईमानदारी के साथ अपना काम करने वाले के पास, जीवन भर मेहनत-मशक्कत करने के बावजूद भी, उतना ही रुपया आ पाता है जितने में उसके परिवार का निर्वाह हो सके, अपना खुद का एक मकान बनवाने के लिए उसे फायनेंस का सहारा लेना पड़ता है जबकि चोरी-बेईमानी करने वाले लुटेरे अतुल सम्पत्ति के मालिक हैं।