पियरे बर्जर ब्लेक की आरंभिक मिथकशास्त्रीय कविताओं जैसे अहैनिया (Ahania) का विश्लेषण करते हुए यह बताते हैं कि विवाह के नियम मनुष्य के अध:पतन के कारण बने हैं क्योंकि इनका जन्म अहंकार और ईर्ष्या से होता है.
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रूस में साम्यवाद की ओर बढ़ाने वाले कदम प्रगतिशील माने जाएँगे, अमरीका में राजकीय सत्ता बढ़ाने वाले कदम पतन की परिभाषा तक पहुँच जाएंगे, शूद्र वर्ण के व्यक्तियों का ब्राह्मण वर्ण में खान-पान होना समाजवादी कार्यक्रम की मान्यताओं में प्रगति का द्योतक है, और परंपरागत व्यवस्थाओं के अनुसार अध:पतन का लक्षण।
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खुलेपन के नामपर नंगापन बढने की प्रवत्ति के बारे में रसेल महोदय ने कहा है:-जब कोई देश सभ्यता के शिखर पर पहुंच जाता है तब उस देश की स्त्रियों की काम-लिप्सा में वृद्धि होती है और इसके साथ ही राष्ट्र का अध:पतन प्रारम्भ हो जाता है.इस समय अमेरिकन स्त्रियों में यह काम-लोलुपता अधिक दृष्टिगोचर होती है और 35 से 40 वर्ष की अवस्था की अमेरिकन स्त्री वेश्या का जीवन ग्रहण करना चाहती है,जिससे उसकी कामपिपासा शान्त हो सके.