तनाव के कारण, मस्तिष्क में अधश्चेतक उत्तेजित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पीयूष ग्रंथि उत्तेजित हो जाती है।
12.
शरीर की उष्मा के संतुलन का नियंत्रण मस्तिष्कगत “ताप नियंत्रक केंद्र” द्वारा होता है, जो अधश्चेतक (hypothalamus) में स्थित है।
13.
इन संग्राहकों से तंत्रिका-आवेग केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में जातेहैं और अधश्चेतक (ःय्पोट्हलमुस्) में स्थित ताप-नियामक-केन्द्रों (ःएअट् छोन्ट्रोल्छेन्ट्रे) को चले जाते हैं.
14.
उनके मतानुसार चेतना का स्थान चेतक (thalamus), अधश्चेतक (hypothalamus) और ऊपरी मस्तिष्क के ऊपरी भाग के आसपास है।
15.
बाहरी ताप में गिरावट होने के कारण त्वचा में स्थित शीत-संग्राहक (छोल्ड्-रेचेप्टोर्) उद्दीपित हो जाते हैं और अधश्चेतक में ऊष्मावर्धक केन्द्र कोआवेग देते हैं.
16.
अधश्चेतक के यदि पाश्र्व भाग को विद्युत-तरंगों से उत्तेजित कर दिया जाए तो भरपेट भोजन किया हुआ मनुष्य भी स्वयं को भूखा महसूस करने लगेगा।
17.
उनके मुताबिक, किसी मनुष्य के अधश्चेतक नामक भाग को कृत्रिम रूप से निष्क्रिय कर दिया जाए तो उससे भूख महसूस करने की चेतना नष्टï हो जाएगी।
18.
अधोमाध्य-अधश्चेतक (वैट्रोमीडियल हाइपोथैलैमस) नामक हमारे मस्तिष्क में एक ' संतुष्टि केन्द्र ' होता है, जो भूख तथा ऊर्जा व्यय दोनों पर नियंत्रण रखता है।
19.
जब मनुष्य भूखा रहता है, तो उसके शरीर में ग्लूकोज का अनुपात कम होने लगता है और मस्तिष्क के अधश्चेतक को मिलने वाले ग्लूकोज में भी स्वाभाविक रूप से कमी आ जाती है।
20.
पीयूष ग्रंथि के चारों ओर मौजूद पीयूषिका पोर्टल शिरीय रक्त में अधश्चेतक (हाइपोथैलेमस) के नाड़ीस्रावक नाभिकों से मुक्त हुए पेप्टाइड (वृद्धि हार्मोन-मुक्तिकारक हार्मोन या सोमेटोक्रिनिन और वृद्धि हार्मोन-प्रतिबंधी हार्मोन या सोमेटोस्टैटिन) सोमेटोट्रोपों द्वारा जीएच के स्राव के मुख्य नियंत्रक होते हैं.