7. अधिकरण कारक शब्द के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध होता है उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
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7. अधिकरण कारक शब्द के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध होता है उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
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कुछ पद अपादान और अधिकरण कारक में विभक्त्यंत मिलते हैं-गोठूँ (गाँव से), घरूँ (घर में), पटि (जमीन पर), वेलि (समय पर)।
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कुछ पद अपादान और अधिकरण कारक में विभक्त्यंत मिलते हैं-गोठूँ (गाँव से), घरूँ (घर में), पटि (जमीन पर), वेलि (समय पर)।
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2. कमरे में टी. वी. रखा है।इन दोनों वाक्यों में ‘ फूलों पर ' और ‘ कमरे में ' अधिकरण कारक है।
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जो व्याकरण के अनुसार सर्वनाम, स्त्रीलिंग, अधिकरण कारक और एक वचन शब्द है (genitive feminine noun-1 st person singular possessive pronoun) और अरबी की व्याकरण से ही यही साबित होता है, “ اسم مجرور والياء ضمير متصل في محل جر بالاضافة ”