कृष्ण का लक्ष्य और चरित कृष्ण के जीवन का एक मात्र लक्ष्य भारत भूमि को अपने अधिकार में लेना था क्योंकि यहाँ विशाल समतल भूमि क्षेत्र था, पूरे क्षेत्र में प्राकृत जलधाराएँ थीं, भूमि उपजाऊ थी और खनिजों से संपन्न थी.
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ब्लैंक के विचारों की उपयोगिता कुछ ही वर्षों के बाद विशेषकर तब समझ में आने लगी थी, जब मजदूर आंदोलनों का विकास हुआ और संगठित मजदूर-संघों ने जागरूक होकर अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्ष की शुरुआत की. उसके बाद जगह-जगह उत्पादक समितियां बनाकर उन्होंने उत्पादन-प्रणाली को अपने अधिकार में लेना शुरू कर दिया.