इस बिंदु पर देहर विद्युत गृह की अधिष्ठापित क्षमता 990 मेगावाट है, इसके बाद टेल रेस जल सतलुज से बहता हुआ भाखडा के गोबिन्दसागर जलशाय में एकत्रित हो जाता है।
12.
गंगूवाल और कोटला बिजली घरों, प्रत्येक की दो यूनिटों का नवीनकरण, आधुनिकीकरण और उन्नयन किया गया है जिसके परिणामस्वरूप 12.85 मेगावाट की अतिरिक्त अधिष्ठापित क्षमता हुई है और इससे 112 मिलियन यूनिट का अतिरिक्त वार्षिक उत्पादन होगा।
13.
भाखडा दांया किनारा विद्युत ग्रहों की सभी 5 यूनिटों, प्रत्येक का 120 मेगावाट से 157 तक नवीनीकरण, आधुनिकरण और उन्नयन किया गया है जिसके परिणामस्वरूप 185 मेगावाट की अतिरिक्त अधिष्ठापित क्षमता तथा 310 मि.यू. का अतिरिक्त वार्षिक उत्पादन हुआ है।
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परिष्कृत कोयले के प्रयोग से अधिष्ठापित क्षमता से अधिक विद्युत पैदा करने के लिए विद्युत उत्पादन करने की प्रभावकारिता में सुधार लाना तथा और अधिक दक्ष ऊर्जा उत्पादन चक्र के साथ-साथ सह-उत्पादन प्रणालियों एवं प्रायः शून्य उत्सर्जन करने वाली प्रौद्योगिकियों के
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· परिष्कृत कोयले के प्रयोग से अधिष्ठापित क्षमता से अधिक विद्युत पैदा करने के लिए विद्युत उत्पादन करने की प्रभावकारिता में सुधार लाना तथा और अधिक दक्ष ऊर्जा उत्पादन चक्र के साथ-साथ सह-उत्पादन प्रणालियों एवं प्रायः शून्य उत्सर्जन करने वाली प्रौद्योगिकियों के संवर्धन का सहारा लेना.
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1000 ग्रामीण-13. 16 करोड़ नगरीय-3.45 करोड़ प्रशासनिक इकाइयां मण्डल 17 जनपद 70 तहसील 306 नगर निगम 11 नगर एवं नगर समूह 689 सामुदायिक विकास खण्ड 820 न्याय पंचायतें 8.135 ग्राम सभाएं 52,000 आबाद ग्राम 97,942 विद्युत अधिष्ठापित क्षमता 4,706 मेगावाट उत्पादन 2091 करोड़ कि०वा/घंटा राजस्व वसूली दक्षता 90 प्रतिशत प्रति व्यक्ति विद्युत उपभोग 202 कि०वा०/घंटा कुल विद्युतिकृत ग्रामों की संख्या 83,701 प्रमुख फसलें-धान, गेहू, जौं, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, चना, गन्ना आदि।