नागजिह्वा (अनंतमूल) की जड को मंगलवार के दिन लाल रंग के रेशमी कपडे अथवा डोरे में बांध कर धारण करने से मंगल ग्रह का प्रकोप शांत होता है।
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गहरे कत्थई रंग के पतले सूत्राकार तने पर लगी जिव्हाकार, लम्बी, गहरी हरी पत्तियों में सफ़ेद शिराओं वाले आकर्षक पादप का नाम है सारिवा यानी अनंतमूल यानी Hemidesmus indicus.
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मंगल-अनंतमूल 4. बुध-विधारा की जड़ 5. शुक्र-सिंहपुछ की जड़ 6. शनि-बिच्छोल की जड़ 7. राहु-खेत चंदन की जड़ 8.
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पुनर्नवा (पथरचटा-गदहपुरैना), सहदेई, सारिवा (छितवन), अनंतमूल, कुरंट (लाल फूल का पिया बासां) तथा उत्पल (नीलकमल) इन सभी का तेल बनाकर लगाने से सौभाग्य और सुंदरता में वृद्धि होती है............................
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फेफड़े सम्बंधित रोग, एकाकीपन और भावनात्मक समस्याओं का समाधान होगा.मंगलआपकी कुंडली में मंगल नीच का होकर कर्क राशि में हो या आप मांगलिक हों तो मृगशिरा नक्षत्र वाले दिन अनंतमूल की जड़ शुद्धिकरण के पश्चात हनुमान जी की पूजा कर के ऊँ अं अंगारकाय नम:
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सूर्य की शांति के लिए बेल की जड़, चंद्र के लिए खिन्नी की जड़, मंगल के लिए अनंतमूल की जड़, बुध के लिए विधारा की जड़, गुरु के लिए संतरे या केले की जड़, शुक्र के लिए सरफाकों की जड़ तथा शनि की शांति के लिए बिच्छुए की जड़ धारण करने की बात ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में लिखी है।
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सूर्य की शांति के लिए बेल की जड़, चंद्र के लिए खिन्नी की जड़, मंगल के लिए अनंतमूल की जड़, बुध के लिए विधारा की जड़, गुरु के लिए संतरे या केले की जड़, शुक्र के लिए सरफाकों की जड़ तथा शनि की शांति के लिए बिच्छुए की जड़ धारण करने की बात ज् योतिष के प्राचीन ग्रंथों में लिखी है।
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सूर्य ग्रह के लिए बेलपत्र की जड़, चन्द्र ग्रह के लिए खिरनी या खजूर की जड़, मंगल ग्रह के लिए अनंतमूल या नाग जिह्वा की जड़, बुध ग्रह के लिए विधारा की जड़, ब्रहस्पति ग्रह के लिए भृंगराज की जड़, शुक्र ग्रह के लिए अश्वगंधा की जड़, शनि ग्रह के लिए लाल चन्दन या सिंह पुच्छ की जड़, राहु ग्रह के लिए लाल व सफ़ेद चन्दन और केतु ग्रा के लिए अश्वगंधा की जड़ को उपयोग में लाया जाता है।
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२. गिलोय सत्त्व २ ५ ० मिग्रा. + चिरायता चूर्ण २ ५ ० मिग्रा. + अनंतमूल चूर्ण २ ५ ० मिग्रा. + गंधक रसायन २ ५ ० मिग्रा. रसमाणिक्य ५ ० मिग्रा. इन सारी औषधियों को भली प्रकार घोंट कर एक मात्रा बनाएं व इसी अनुपात में अनुमानतः २ ० दिन की मात्रा बना लीजिये व सुबह-दोपहर व रात को एक-एक मात्रा को गाय के एक चम्मच घी में एक चम्मच मिश्री (खड़ी शक्कर) मिला कर लें।