कुछ संदर्भों में मोटे तौर पर कह दिया जाता है कि, 'किसी वक्र की अनन्त पर स्पर्शरेखा उस वक्र की अनंतस्पर्शी कहलाती है।'
12.
ग्रहीय नीहारिकाएं, वे नीहारिकाएं हैं, जो लो-मॉस अनंतस्पर्शी विशाल शाखा सितारों के सफेद बौने में परिवर्तित होने के समय उनसे निकलनेवाले गैस युक्त खोल से गठित होती हैं.
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ग्रहीय नीहारिकाएं, वे नीहारिकाएं हैं, जो लो-मॉस अनंतस्पर्शी विशाल शाखा सितारों के सफेद बौने में परिवर्तित होने के समय उनसे निकलनेवाले गैस युक्त खोल से गठित होती हैं.
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ग्रहीय नीहारिकाएं, वे नीहारिकाएं हैं, जो लो-मॉस अनंतस्पर्शी विशाल शाखा सितारों के सफेद बौने में परिवर्तित होने के समय उनसे निकलनेवाले गैस युक्त खोल से गठित होती हैं.
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ग्रहीय नीहारिकाएं, वे नीहारिकाएं हैं, जो लो-मॉस अनंतस्पर्शी विशाल शाखा सितारों के सफेद बौने में परिवर्तित होने के समय उनसे निकलनेवाले गैस युक्त खोल से गठित होती हैं.
16.
तो भी, बेर्नूली के प्रमेय और संभाव्यता के अन्य अनंतस्पर्शी सिद्धांत् (बृहत संख्या के नियम) को बिना तार्किक त्रुटि के संभाव्यता से सांख्यिक बारंबारता को संयुक्त करने में प्रयोग के लिए एक अन्य विधि है।
17.
तो भी, बेर्नूली के प्रमेय और संभाव्यता के अन्य अनंतस्पर्शी सिद्धांत् (बृहत संख्या के नियम) को बिना तार्किक त्रुटि के संभाव्यता से सांख्यिक बारंबारता को संयुक्त करने में प्रयोग के लिए एक अन्य विधि है।
18.
एक प्रोटो प्लेनेटरी नेब्यल (PPN) एक खगोलीय वस्तु है, जो भूतपूर्व अनंतस्पर्शी विशाल शाखा (LAGB) की स्थिति और उसके बाद के ग्रहों की नीहारिका (PN) के चरण के बीच एक तारे के त्वरित तारकीय क्रमिक विकास का अल्पकालीन प्रकरण है.
19.
यदि विकास्य तलों ओर समतलों को छोड़ दिया जाए और अनंतस्पर्शी रेखाओं को तल के प्राचलीय वक्र मान लिया जाए तो समघात निर्देशांक (होमोजीनियस कोआडिनेट्स) इस प्रकार चुने जा सकते हैं कि वे अवकल समीकरणों की निम्नलिखित संहति (सिस्टम) को संतुष्ट करें:
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यदि विकास्य तलों ओर समतलों को छोड़ दिया जाए और अनंतस्पर्शी रेखाओं को तल के प्राचलीय वक्र मान लिया जाए तो समघात निर्देशांक (होमोजीनियस कोआडिनेट्स) इस प्रकार चुने जा सकते हैं कि वे अवकल समीकरणों की निम्नलिखित संहति (सिस्टम) को संतुष्ट करें: