निश्चय ही इस उपन्यास में ग्रामीण समाज की अनाधुनिक पितृ-सत्ता का एक अच्छा चित्रा प्रस्तुत किया गया है, जिसकी वजह से औरतों को सडक की पटरी पर दोनों ओर गठरियों के रूप में दिखलाना तथा बेला के अलावा स्त्राी-पात्राों का टोटा होना, उस ग्रामीण जीवन की विडम्बना को सामने लाता है जो अपनी रमणीयता के बावजूद बेहद अगति से चिपटा हुआ रहता आया है।
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(ए हण्टर्स स्केचेज १ ८ ४ ७-५ २ के मध्य और ' चाइल्डहुड ' १ ८ ५ २ में) और जब कि ' ए हण्टर्स स्केचेज ' में चित्रण के कई अनाधुनिक अंश हैं (उदाहरण के लिए छोटे बच्चे ' बेझिन मीड ' का भावुक चित्रण) जबकि चाइल्डहुड में अनाधुनिकता या उस जैसा होने की जोखिम नहीं दिखती.