अपने अध्ययन में इन्होनें पाया कि किसी व्यक्ति के जन्म के समय अतिशीघ्री या शीघ्री ग्रह अपने अपने भावों से संबंधित अनायास सफलता जातक को जीवन में प्रदान करते हैं।
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इस समय जन्म लेनेवाले जातक किशोरावस्था यानि 12 वर्ष से 24 वर्ष की उम्र तक उच्छृंखल वातावरण में विद्याधययन करते हैं, हाजिरजबाब होते हैं, अनायास सफलता प्राप्त करते हैं।
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किसी व् यक्ति के जन् म के समय बुध ग्रह की स्थिति अच् छी हो तो अपनी आई क् यू और माहौल के बल पर वे विद्यार्थी जीवन में अनायास सफलता प्राप् त करते हैं, इसके विपरीत बुध में गडबडी हो तो अपनी आई क् यू या माहौल की गडबडी के कारण वे इस समय असफलता प्राप् त करते हैं।
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इसलिए जरूरत है असफल पुरूषार्थियों से कुछ सीख लेने की, न कि अनायास सफलता पानेवालों से, क् यूंकि मेरा मानना है कि अपने निर्णयों के सही होने से वे सफलता के झंडे तो गाड सकते हैं, पर जीवन में किसी प्रकार की अनहोनी नहीं आने से वे अनुभवी नहीं बन सकते, इसलिए दूसरों को सलाह देने में असफल व् यक्ति ही अधिक सक्षम होते हैं।