जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है;
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जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है;
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न्यूट्रिनो एक अनावेशित एवं इलेक्ट्रॉन से भी काफी हल्का (लगभग शून्य द्रवमान का) मूल कण है, जो बहुत समय तक वैज्ञानिकों के प्रेक्षण से बचा रहा।
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जब किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटॉनों की संख्या के समान होती है तब परमाणु अनावेशित होता है अन्यथा परमाणु धनावेशित या ऋणावेशित आयन के रूप में होता हैं ।