उदाहरण स्वरूप विरह-व्याकुल नायक द्वारा सिसकियां भरना, मिलन के भावों में अश्रु, स्वेद, रोमांच, अनुराग सहित देखना, क्रोध जागृत होने पर शस्त्र संचालन, कठोर वाणी, आंखों का लाल हो जाना आदि अनुभाव कहे जाएंगे।
12.
परन्तु अन्त को उनकी आँखों मे आसू ऐसे डबडबा आए कि और कुछ न कह सके औरं अपना मुँह फेर कर बसन्त की ओर हाथ बढ़ाया और एक अद्भुत अनुराग सहित जिससे सच्ची प्रीति टपकती थी उनसे हाथ मिला कर विदा हुए।