असल में अपने कद के अनुरूप पद हासिल करने में उन्हें दिक्कत आई ही इसलिए कि उन्होंने पाला बदल कर जोशी खेमा ज्वाइन कर लिया था, वरना कभी वे गहलोत के खास सिपहसालार हुआ करते थे।
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उस पर तुर्रा ये कि उन्हें शिकायत है कि उनकी योग्यता के अनुरूप पद की प्राप्ति नहीं हुई, वो ये अछूत काम करने के लिए नहीं बने के बहाने के साथ अपनी जिम्मेदारियों से अच्युत हो राष्ट्र के भविष्य के साथ शर्मनाक मजाक करते हैं.