इस प्रकार यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी द्वारा राजस्व न्यायालय में वादीगण व अब्दुल शकूर के मध्य चल रहे विवादों की जानकारी रहते हुए अपने पक्ष में अंतरण कराया गया है, इसलिए राजस्व न्यायालय में चल रहे वादों में अन्तरक की सफलता या असफलता के आधार पर ही यह अंतरण सफल या असफल माना जा सकता है, वर्तमान स्तर पर यह नहीं माना जा सकता कि प्रतिवादी सद्भावी क्रेता है और उसके हित सुरक्षित है।