| 11. | इसका उपयोग हइड्रोजन एवं अल्कोहक के निर्माण में अपचायक के रूप में होता है।
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| 12. | ने इस धातु के तैयार करने में पोटैसियम धातु का प्रयोग अपचायक के रूप में किया।
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| 13. | आर्सेनिक तत्व में उपचायक (आक्सिडाइज़िंग) तथा अपचायक (रिड्यूसिंग) दोनों ही गुण विद्यमान हैं।
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| 14. | निम्न स्तरीय कोयले से इस्पात निर्माण एवं अन्य धातुकर्म प्रयोजन के लिए बेहतर स्वदेशी अपचायक का संवर्धन.
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| 15. | सोडियम संलय-यह एक महत्वपूर्ण अपचायक है जो कार्बनिक एवं अकार्बनिक दोनो रसायनो में प्रयुक्त होता है।
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| 16. | · निम्न स्तरीय कोयले से इस्पात निर्माण एवं अन्य धातुकर्म प्रयोजन के लिए बेहतर स्वदेशी अपचायक का संवर्धन.
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| 17. | लिथियम ऐलुमिनियम हाइड्राइड (ळाः)-प्रबल अपचायक ळि आल् ः४ जो जल के साथ तीव्रतासे क्रिया करके हाइड्रोजन गैस निकालता है.
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| 18. | फॉस्फोरस औरबोरैक्स के लवण के साथ क्सीकारक ज्वाला में ऐमिथिस्टील (जमुनिया) रंजितबीड प्रस्तुत करता है, अपचायक ज्वाला में रंगहीन हो जाता है.
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| 19. | लोहा अपचायक धातु है और स्वर्ण, प्लैटिनम, रजत, पारद, ताम्र आदि के आयनों का अपयचन कर धातु में परिणत कर देता है।
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| 20. | लोहा अपचायक धातु है और स्वर्ण, प्लैटिनम, रजत, पारद, ताम्र आदि के आयनों का अपयचन कर धातु में परिणत कर देता है।
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