अबतक के मिडिया हंगामे को वास्तविकता मान कर माँ बाप को अपराधी ठहराना मीडिया ने ठान लिया था और उनका सहयोग मीडिया से भगाए गये वो पत्रकार कर रहे थे जो मीडिया की अपनी हड्कतों को यहाँ भी अंजाम दे रहे हैं, तथ्य कई और जा रहे हैं और जबतक वास्तविकता सामने ना आये हम किसी पर दोषारोपण कैसे कर सकते हैं, ये आरोप इस पर विवाद, लेखनी छोड़ना और लेखनी के लिए लोगों का हुजूम कहीं ये भी इस विवाद को भुनाने का हिस्सा तो नहीं है.