और तो और अब आतंकवादियों के समर्थन में पुलिस को अपराधी बनाना और उसके प्रयासों को झूठा सिद्ध करना साथ उसके द्वारा पकडे गये लोगों को निर्दोष सिद्ध करने के लिये आक्रामक बौद्धिक प्रयास चलाना भी इस्लामी आतंकवाद का नया आयाम है।
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ये तो वैसे ही हुआ जैसे किसीका खून करना अपराध है, कही डाका डालना, चोरी करना अपराध है तो इन्हें कानून द्वारा मान्यता दे दी जाए जिससे होगा ये की चाहे लोग जितना भी अपराध करे लेकिन ओ अपराध नहीं कहलायेगा वो राष्ट्र कि संस्कृति कहलाएगी … इन्होने देश को भ्रष्टाचारी तो बना ही दिया है अब सम्पूर्ण देश को बाल अपराधी बनाना चाहते है..