राज्य की प्रमुख नदी-बेसिन का अपवाह क्षेत्र, नदियों की लंबाई तथा बाढ प्रभावित क्षेत्र इस प्रकार है:
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वर्षण विधि के अतिरिक्त बारिश की तीव्रता, अपवाह क्षेत्र का भूगोल तथा भूपटल की स्थिति बाढ के पीछे कारक तत्व हैं।
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वर्षण विधि के अतिरिक्त बारिश की तीव्रता, अपवाह क्षेत्र का भूगोल तथा भूपटल की स्थिति बाढ़ के पीछे कारक तत्व हैं।
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नील नदी पर मिस्र में बनाए गए असवां बाँध से बना जलाशय अपने अपवाह क्षेत्र में तीन वर्षो तक होनेवाली सामान्य वर्षा का पानी रोक सकता है।
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16-सम्पूर्ण वाटरशेड का नियोजन-जब तक ऊपरी अपवाह क्षेत्र सुरक्षित न हो, तब तक निचले अपवाह क्षेत्रों में किए गए भूसंरक्षण उपाय व्यर्थ हो जाते हैं।
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नील नदी पर मिस्र में बनाए गए असवां बाँध से बना जलाशय अपने अपवाह क्षेत्र में तीन वर्षो तक होनेवाली सामान्य वर्षा का पानी रोक सकता है।
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यह अपवाह क्षेत्र की रखा के लिए, हमारे द्वारा, लोगों की भागीदारी के माध्यम से किए गए प्रयासों की सफलता की कुंजी सिध्द हुआ, जो कि आज भी प्रासंगिक है।
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अपवाह क्षेत्र की विशेषताएँ, वर्षा की मात्रा एवं भूपटल की बाढ पूर्व स्थिति जैसी राशियों के आकलन में अनिश्चितता के चलते, संभावित बाढ के अनुमान के लिए सांख्यिकीय विधि का प्रयोग किया जाता है।
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लगभग 4. 2 हेक्टेयर के नंगे पहाड़ी अपवाह क्षेत्र से आने वाले अनियंत्रित बरसाती पानी ने आस-पास के कृषि भू-खंडों को लगभग 20 मीटर गहरी और इतनी ही चौडी खाइयों में परिवर्तित कर दिया था।
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अपवाह क्षेत्र की विशेषताएँ, वर्षा की मात्रा एवं भूपटल की बाढ़ पूर्व स्थिति जैसी राशियों के आकलन में अनिश्चितता के चलते, संभावित बाढ़ के अनुमान के लिए सांख्यिकीय विधि का प्रयोग किया जाता है।