एक दिन फकीर बाबा के दिल में चुपचाप सेवा करने वाली सलमा पर कृपा करने की बात आई और सेवा का अभिप्राय जानना चाहा।
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एक दिन फकीर बाबा के दिल में चुपचाप सेवा करने वाली सलमा पर कृपा करने की बात आई और सेवा का अभिप्राय जानना चाहा।
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आप मेरा अभिप्राय जानना चाहेंगे या फिर कल आपके जीवन में जो-जो भी शुभ घटनायें घटी, आप उसके लिए मुझको धन्यवाद अवश्य देंगे …..
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जब मैंने “ उच्च शिक्षित ” शब्द का अभिप्राय जानना चाहा तो उनका उत्तर था, “ जैसे आई आई टी से पढ़े हुए इंजिनीयर आदि... ”
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अब दूसरों का सहयोग लेना, दूसरों की बात सुनना, दूसरों का अभिप्राय जानना और प्रसंग आने पर पूरे दिल से दूसरों की स्तुति करना तुम्हें सीखना चाहिए।
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जब मैंने “उच्च शिक्षित” शब्द का अभिप्राय जानना चाहा तो उनका उत्तर था, “जैसे आई आई टी से पढ़े हुए इंजिनीयर आदि...” अगर आज उन्हें आई आई टी कानपुर से पढ़े हुए इंजिनीयर नित्यानंद गोपालिका के बारे में पता लगता तो शायद काफी तकलीफ पहुँचती.