सीबीइआई ने इस घोटाले में अंबानी, टाटा ग्रुप, वीडियोकॉन के स्वामित्व वाली डेटम तथा अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती के खिलाफ विभिन्न आरोपों में अपनी जांच की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि अनिल अंबानी के खिलाफ जांच जारी है लेकिन उसे इस घोटाले में अन्य के खिलाफ अभियोज्यता संबंधी कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
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दसवें अध्याय में न्यायमूर्ति लिब्रहान अभियोज्यता की बाबत एक स्पष्ट बयान देते हैं: “ इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं कि ‘ संयुक्त-सामान्य-उद्यम ' विध्वंस की पूर्व नियोजित कार्रवाई थी जिसकी तात्कालिक रहनुमाई विनय कटियार, परमहंस रामचन्द्र दास, अशोक सिंघल, चम्पत राय, स्वामी चिन्म्यानंद, एस. सी. दीक्षित, बी. पी. सिंघल तथा आचार्य गिरिराज कर रहे थे।