समझा जाता है कि एमएस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विरुद्ध अभिलक्षित असामान्य प्रतिरक्षी अनुक्रिया (सीएनएस) है।
12.
अतः यत्नपूर्वक संपूर्ण अभिलक्षित फलों को देने वाले भगवान सूर्य का इस स्तोत्र के द्वारा स्तवन करना चाहिए।
13.
तृतीय कांड साहित्यिक विशेषताओं को अभिलक्षित करने की दृष्टि से रचा गया है अतएव इस कांड को महाकवि ने प्रसन्नकांड की संज्ञा दी है।
14.
मनुष्य का व्यक्तित्व केवल इसी बात से अभिलक्षित नहीं होता है कि वह क्या करता है, अपितु इस बात से भी अभिलक्षित होता है कि वह उसे किस तरह
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मनुष्य का व्यक्तित्व केवल इसी बात से अभिलक्षित नहीं होता है कि वह क्या करता है, अपितु इस बात से भी अभिलक्षित होता है कि वह उसे किस तरह
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मनुष्य का व्यक्तित्व केवल इसी बात से अभिलक्षित नहीं होता है कि वह क्या करता है, अपितु इस बात से भी अभिलक्षित होता है कि वह उसे किस तरह करता है।
17.
मनुष्य का व्यक्तित्व केवल इसी बात से अभिलक्षित नहीं होता है कि वह क्या करता है, अपितु इस बात से भी अभिलक्षित होता है कि वह उसे किस तरह करता है।
18.
संक्रांति काल में की गई सूर्य पूजा हेतु अनेक मंत्र हैं, जिनके श्रद्धापूर्वक जप से मनुष्य अपने संपूर्ण अभिष्ट एवं अभिलक्षित पदार्थों, सर्वसिद्धियों तथा स्वर्गादि के भोग प्राप्त करता है।
19.
इसका अर्थ है कि ऐसी बीमारी जो लंबी अवधि द्वारा अभिलक्षित हो, या एक लंबे समय तक उसकी बारम्बार पुनरावृत्ति हो, तथा प्रायः उसकी गंभीरता धीरे-धीरे बढ़ रही हो; उग्रता के विरुद्ध।
20.
तिरंगे के तीन रंगों में निहित अर्थ की व्याप्ति का जो प्रचलित रूप है, उसकी अर्थवत्ता में उदात्त एवम् तेजस् व मन्यु को अभिलक्षित करने के उद्देश्य से यह कविता रची गई ।