| 11. | ले गया खुशबू वो मुझसे अभ्र बनता आसमान, उसके बदले में ज़मीन सदियों की प्यासी दे गया.
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| 12. | कोष्ठक के भीतर वाष्प का आयतन बढ़ने पर जब उसका ताप घटता है तब वाष्प अभ्र में परिवर्तित हो जाती है।
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| 13. | कोष्ठक के भीतर वाष्प का आयतन बढ़ने पर जब उसका ताप घटता है तब वाष्प अभ्र में परिवर्तित हो जाती है।
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| 14. | शरदऋतु के अभ्र जैसी शोभा और स्वर्ण कलश द्वारा सुमनोहर चित्र स्फटिक मणि की साढियां ही मणि और सुशोभित हो लाल है।
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| 15. | इसी कड़ी में फ़ारसी का ” अब्र ”, संस्कृत का “ अभ्र ” और मराठी का “ आभाळ ” आते हैं।
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| 16. | वनदेवता-ओ ब्रह्माण्ड को ज्योतित करने निकले अमल ज्योतिपुंज! ओ अनंत के अभ्र! अपनी तृषित धरती को अमृत दो ।
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| 17. | उपन्यासों के नायक चीरकर कुहासे का अभ्र निकल आये हैं सड़कों पर लिखा जा रहा है एक इतिहास वर्तमान के काले सफ़ों पर
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| 18. | वनदेवता-ओ ब्रह्माण्ड को ज्योतित करने निकले अमल ज्योतिपुंज! ओ अनंत के अभ्र! अपनी तृषित धरती को अमृत दो ।
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| 19. | कुन्नू जी के लिए इतना तो मैं कह ही सकता हूँ-“शर्त सलीका है हर एक अभ्र मेंऐब भी करने को हुनर चाहिए ॥”
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| 20. | मान्यता के अनुसार मोती आठ प्रकार के होते हैं-अभ्र मोती, शंख मोती, शुक्ति मोती, सर्प मोती, गज मोती, बांस मोती, शूकर मोती और मीन मोती।
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