यदि वैज्ञानिक दृष्टि की सबसे बड़ी विशेषता है कि वह कल्पनाशील तो होती है लेकिन किसी भी अमूर्त चिंतन का विरोध करती है।
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यदि वैज्ञानिक दृष्टि की सबसे बड़ी विशेषता है कि वह कल्पनाशील तो होती है लेकिन किसी भी अमूर्त चिंतन का विरोध करती है।
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इसलिए जब कभी अमूर्त चिंतन अपने शिखर पर पहुंचता है तो ब्रह्म अदृश्य हो जाता है और काम ही एकमात्र सत्य हो जाता है।
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आगे चलकर समाज के विकास के साथ मनु्ष्य में अमूर्त चिंतन का विकास हुआ, और आत्मा की अभौतिक प्रकृति का विचार उत्पन्न हुआ।
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इसमें मौखिक तर्क परीक्षा, मात्रात्मक या संख्यात्मक तार्किकता, आलोचनात्मक और अमूर्त चिंतन, विश्लेषण क्षमता और लेखन कौशल का परीक्षण होता है।
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आपके तर्क से लगता है कि सारे ब्राम्हणों में कविता करने और अमूर्त चिंतन करने का गुण होता है जो कि दूसरी जातियों में नहीं होता।
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दूसरी ओर, हर तरह का चाक्षुषीकरण (visualization) और हर तरह की परिस्थिति बच्चों में अमूर्त चिंतन की क्षमता में विकास में सहायक नहीं होती।
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तो इन सारी जगहों से क्या ब्राहमणों को निष्कासित कर दिया जाना चाहिए? केवल हवाई और अमूर्त चिंतन और आईटी में ही उनकी जगह होनी चाहिए?
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उल्टे, चिंतन के ये प्राथमिक और आरंभिक रूप पहले जैसे ही जारी रहते हैं और अमूर्त चिंतन के साथ तथा उसके प्रभाव से बदलते तथा सुधरते रहते हैं।
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जैसा कि बताया जा चुका है, इंद्रियजन्य ज्ञान की सीमाओं के बाहर स्थित सर्वाधिक अमूर्त चिंतन भी कभी संवेदनों, प्रत्यक्षों और परिकल्पनों से नाता पूर्णतः नहीं तोड़ पाता।