| 11. | सूक्ष्मता की अवधि अलिंग तक होती है, अलिंग ही सर्व प्रधान तत्त्व है ।।
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| 12. | सूक्ष्मता की अवधि अलिंग तक होती है, अलिंग ही सर्व प्रधान तत्त्व है ।।
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| 13. | हाइपोथायरायडिज्म कभी कभी आनुवंशिकी के परिणामस्वरूप भी होता है, कभी कभी यह अलिंग गुणसूत्र (
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| 14. | शिव स्वयं अलिंग हैं, उनसे लिंग की उत्पत्ति होती हैं शिव लिंगी और शिवा लिंग हैं।
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| 15. | अलिंग-प्रकृति की वह अवस्था है, जब मूल तत्त्व सत्त्व, रजस्, तमस् साम्य अवस्था में विद्यमान होते हैं ।
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| 16. | लिंग रहस्य और लिंगोपासना के बारे में स्कंदपुराण में वर्णन है कि भगवान महेश् वरनाथ अलिंग हैं, प्रकृति ही प्रधान लिंग है।
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| 17. | अलिंग चैव लिंगं च लिंगालिंगानि मूर्तयः॥” अर्थात् भगवान इस सृष्टि से पूर्व ही अव्यक्त लिंग अर्थात् ब्रह्म स्वरूप में सदा विद्यमान रहते हैं।
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| 18. | योनि से अतीत होकर बिन्दु अव्यक्त और लिंग अलिंग हो जाता है कोई गुण, कर्म, द्रव्य बिना योनि-लिंग के नहीं बन सकते।
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| 19. | उसी अलिंग शिव से पंच ज्ञानेद्रियाँ, पंचकर्मेन्द्रियाँ, पंच महाभूत, मन, स्थूल सूक्ष्म जगत उत्पन्न होता है और उसी की माया से व्याप्त रहता है।
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| 20. | उसी अलिंग शिव से पंच ज्ञानेद्रियाँ, पंचकर्मेन्द्रियाँ, पंच महाभूत, मन, स्थूल सूक्ष्म जगत उत्पन्न होता है और उसी की माया से व्याप्त रहता है।
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