अवटु ग्रंथि की सबसे सामान्य समस्याएँ अवटु ग्रंथि की अतिसक्रियता (हाइपरथाइरॉयडिज़्म) और अवटु ग्रंथि की निम्नसक्रियता (हाइपोथाइरॉयडिज़्म) हैं।
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अवटु ग्रंथि में आई खराबी और हड्डी में लगातार हो रहे दर्द का इलाज इसी तकनीक से होता है।
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[2] अवटु ग्रंथि में आई खराबी और हड्डी में लगातार हो रहे दर्द का इलाज इसी तकनीक से होता है।
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अवटु ग्रंथि की सबसे सामान्य समस्याएँ अवटु ग्रंथि की अतिसक्रियता (हाइपरथाइरॉयडिज़्म) और अवटु ग्रंथि की निम्नसक्रियता (हाइपोथाइरॉयडिज़्म) हैं।
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अवटु ग्रंथि की सबसे सामान्य समस्याएँ अवटु ग्रंथि की अतिसक्रियता (हाइपरथाइरॉयडिज़्म) और अवटु ग्रंथि की निम्नसक्रियता (हाइपोथाइरॉयडिज़्म) हैं।
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अवटु ग्रंथि की सबसे सामान्य समस्याएँ अवटु ग्रंथि की अतिसक्रियता (हाइपरथाइरॉयडिज़्म) और अवटु ग्रंथि की निम्नसक्रियता (हाइपोथाइरॉयडिज़्म) हैं।
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जब अवटु ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन बनाने लगता है तो शरीर, उर्जा का उपयोग मात्रा से अधिक करने लगता है।
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जब अवटु ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन बनाने लगता है तो शरीर, उर्जा का उपयोग मात्रा से अधिक करने लगता है।
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ये अवटु ग्रंथि के सम्यक, कार्यविधि के लिए आवश्यक है जो शक्ति का निर्माण करती है, हानिप्रद कीटाणुओं को मारती है और इसके हार्मोन थांयरांक्सीजन की कमी पूरी करती है।
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आयोडिन की कमी से गर्दन के नीचे अवटु ग्रंथि की सूजन (गलगंड) हो सकती है और हार्मोन का उत्पादन बन्द हो सकता है जिससे शरीर के सभीसंस्थान अव्यवस्थित हो सकते हैं।