लेकिन चिंता और अवसाद-ग्रस्त मन के रचे कठौते, कूप-मण्डूक बना सकते हैं और आंख मूंद लेने की शुतुरमुर्गी सुरक्षा महसूस करा सकते हैं।
12.
सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो कोई भी उस अवसाद-ग्रस्त व्यक्ति के लिए कर सकता है वह है उचित रोग निदान और उपचार पाने में सहायता करना।
13.
व्यक्ति अवसाद-ग्रस्त हो जाता है, वह जीवन में भावात्मक और अध्यात्मिक खालीपन अनुभव करता है, मानो इस संसार में कुछ भी नहीं जो खुशी लेकर आ सके।
14.
चाहे हम अवसाद-ग्रस्त हो जाएँ, या ख़ालीपन या भ्रमित अनुभव करें,यह सभी बुरी भावनाएँ हमें इनके कारणों व उद्देश्यों के बारे में सोचने के लिए ही प्रकट होती हैं।
15.
व्यक् ति अवसाद-ग्रस्त हो जाता है, वह जीवन में भावात्मक और अध्यात्मिक खालीपन अनुभव करता है, मानो इस संसार में कुछ भी नहीं जो खुशी लेकर आ सके।
16.
हम इस तरह आत्मा का हनन करते हैं, उसे अवसाद-ग्रस्त करते हैं और तब वह हमारे सुख-शान्ति और समृद्धि का कारण नहीं बन हमारी अशान्ति, आधि-व्याधि एवं विपन्नता का कारण बनती है।
17.
अवसाद ग्रस्त होने का एक अचूक तरीका है-बिना किसी काम के, खाली बैठना और सोचना, ‘ मेरा क्या होगा? ' इस तरह तुम ज़रूर अवसाद-ग्रस्त हो जाओगे।
18.
यदि अवसाद-ग्रस्त व्यक्ति की स्थिति और खराब हो रही है और आत्महत्या के विचार आने शुरू हो गये हैं, तो इन कथनों को गंभीरता से लें और उन्हें अवसाद-ग्रस्त व्यक्ति के चिकित्सक को बताएँ।
19.
यदि अवसाद-ग्रस्त व्यक्ति की स्थिति और खराब हो रही है और आत्महत्या के विचार आने शुरू हो गये हैं, तो इन कथनों को गंभीरता से लें और उन्हें अवसाद-ग्रस्त व्यक्ति के चिकित्सक को बताएँ।
20.
प्रश्न: कहते हैं कि सिर्फ़ अपने बारे में सोचने से अवसाद हो जाता है, पर महाभारत के युद्ध की शुरुवात में अर्जुन तो दूसरों के बारे में सोच रहा था, तब भी अवसाद-ग्रस्त हो गया था।