| 11. | मैं अविगत गति सैं परै, च्यारि बेद सैं दूर।
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| 12. | गरीबदास अविगत मिले, मेटी मन की बास।।558।।
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| 13. | ' अविगत गति कछु कहत न जाये।'
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| 14. | अविगत गति कछु कहत न आवै।
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| 15. | भक्ति हेतु काया धर आये अविगत सन्त कबीर है ।
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| 16. | ' ' अविगत की गति क्या कहूं जाकर गांव न नाव।
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| 17. | अविगत गति कुछ कहा ना जाये
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| 18. | गरीब अलह अविगत राम है, निरबानी निरबंध | नाम निरंतर
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| 19. | हम ही गुप्त गुह्ज गम्भीरा, हम ही अविगत हमे कबीरा
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| 20. | अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।।
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