कभी इसने बेगुनाह जानवरों को, शिकारियों को पकड़ने में मदद कर अप्रत्यक्ष रूप से अपराध किया तो कभी वीर क्रांतिकारियों की हत्या की और आज तक यह सिलसिला बदस्तूर जारी है इसका अपराध अक्षम्य हैं इसका अस्तित्व में रहना ही मानव जाति के लिए खतरनाक है l बंदूकें / राइफल्स / पिस्टल पर यह संगीन जुर्म दर्ज किया गया है कि इसने एक ही झटके में कई बेगुनाह प्राणी या मनुष्य के शरीर को छलनी कर उनकी निर्दयता से हत्या की हैl अस्तित्व में इसकी मौजूदगी प्राणी व मानव जगत के लिए ठीक नहीं हैl