6 दिसम्बर 92 को जब रथयात्री का रूप धर कर बाबरी मस्जिद ध्वंस कराने पहुँचे थे तब दिल्ली सम्हालने के लिए नियुक्त अटल बिहारी ने संसद में कहा था कि जब बाबरी मस्जिद टूट रही थी तब अडवाणीजी का चेहरा आँसुओं से भरा हुआ था।
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इसी घटनाक्रम को सम्हालने के लिए दिल्ली भेज दिये गये अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में कहा था कि मुझे बताया गया है कि इस अवसर पर आडवाणीजी बहुत दुखी थे और उनका चेहरा आँसुओं से भरा हुआ था, तो क्या उनके समर्थकों ने भी अपने प्रिय नेता की बात का भरोसा किया होगा।
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इसी घटनाक्रम को सम्हालने के लिए दिल्ली भेज दिये गये अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में कहा था कि मुझे बताया गया है कि इस अवसर पर आडवाणीजी बहुत दुखी थे और उनका चेहरा आँसुओं से भरा हुआ था, तो क्या उनके समर्थकों ने भी अपने प्रिय नेता की बात का भरोसा किया होगा।