अस्थिर मुद्रा अर्थव्यवस्था में, वस्तु विनिमय एवं अन्य वैकल्पिक मुद्रा व्यवस्थाएं जैसे कि डॉलरीकरण आम हैं और इसीलिए जब सरकारी मुद्रा कम (या, असामान्य रूप से अविश्वासनीय)हो जाती है, तब भी वाणिज्य (व्यापारिक लेन-देन) जारी रह सकता है (जैसे कि हाल ही में रूस और अर्जेंटीना में हुआ).[कृपया उद्धरण जोड़ें] चूंकि ऐसी अर्थव्यवस्था में केंद्रीय सरकार अक्सर असमर्थ हो जाया करती है, और अगर पर्याप्त तरीके से आंतरिक अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण करना चाहती भी है तो भी आम आदमियों के लिए आयातित माल का भुगतान करने के अलावे सरकारी मुद्रा हासिल करने की भीषण आवश्यकता तो है नहीं.