यदि तुम ध्यान में गहरे जाओ तो तुम अपने शरीर के आंतरिक केंद्र को देख सकते हों-भीतर की दीवार को देख सकते हो।
12.
यह आंतरिक केंद्र से यात्रा की शुरुआत है-श्रद्धा केंद्र से ; दूसरी परिधि भक्ति, फिर तीसरी परिधि ध्यान, फिर चौथी परिधि योग।
13.
लेकिन वह नहीं कर पाती क् योंकि मस् तिष् क ने सब कुछ अपने हाथों में ले लिया है और सारे आंतरिक केंद्र अपंग पड़ गए है।
14.
स्वयं के आंतरिक केंद्र पर जो चेतना है, विचार के द्वारा उसे स्पर्श नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वह तो इंद्रियों के सदा साथ में ही है।
15.
-महा राहू धरती के दो टुकड़े करेगा (छाया से)-नामीबिया में भीषण तूफान-पृथ्वी के आंतरिक केंद्र में (जहाँ लावा खौलता है) एक मटकी रखी जाएगी ।
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और पिता के दिल से अधिक पवित्र स्थान इसके लिए कौन सा हो सकता है जो सबसे दयालु, निर्णायक, सबसे उत्साहपूर्ण सहभागी और प्रेम का ऐसा सूर्य है जिसकी अग्नि हमारे प्रयासों के आंतरिक केंद्र को ऊष्मा देती है।
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लेकिन ऐसा तुम तभी कर सकते हो जब कि तुम गहन ध्यान कर रहे हो, साथ-साथ भीतर हृदय में उतरते जा रहे हो, अपने आंतरिक केंद्र पर पहुंच रहे हो, केवल तभी तुम समझ सकोगे, खाली बौद्धिक कोशिश से कुछ भी न समझ सकोगे।