PMमनुष्य को उसकी दिव्यता का बोध कराती, उसे महान लक्ष्य कि ओर प्रेरित करने वाली बहुत अच्छी कविता | कविता का आंतरिक प्रवाह बहुत अच्छा लगा |“तुम चेतना महान होतुम इश के अवदान हो”
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जबकि वर्ष 1999-2000 में आंतरिक प्रवाह 49 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ कर 2000-01 में 51 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जिसमें 8 गुना से अधिक वृद्धि थी, जब वर्ष 2005-06 में कुल आंतरिक प्रवाह 438.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर बना रहा।
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जबकि वर्ष 1999-2000 में आंतरिक प्रवाह 49 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ कर 2000-01 में 51 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जिसमें 8 गुना से अधिक वृद्धि थी, जब वर्ष 2005-06 में कुल आंतरिक प्रवाह 438.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर बना रहा।