मैं जानता हूँ यह डींग मारना ह ै, क्योंकि गिरे हुए भारत के लिए यह आकांक्षा करना कि वह दुनिया को हिला देगा और दुर्बल जातियों की रक्षा कर लेग ा, धृष्टता दिखाई देती है।
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बाबा साहब कहते हैं-” सम्मान की आकांक्षा करना कोई पाप नहीं है परंतु कार्य करते-करते सम्मान प्राप्त नहीं होता है तो आप अपना संघर्ष निराश होकर मत छोड़िये और यदि दुर्भाग्य से आप उस सम्मान से वंचित कर दिये जाये जिसके वास्तविक अधिकारी आप ही है फिर भी आप धैर्य छोड़ें।