बहरहाल, संगोष्ठी के दौरान कुछ पल हमने भी चुराए और गुलमोहर रोड क्रास नं 9 की तिवारी जी की मिठाई की दुकान में, फिर नुक्कड़ पर चाय की चुस्कियों के साथ और फिर बाद में सीडॅक के आगंतुक कक्ष में कोई दो घंटे से ऊपर, जम-कर मुम्बईया चिट्ठाकार संगोष्ठी कर डाली.
12.
बहरहाल, संगोष्ठी के दौरान कुछ पल हमने भी चुराए और गुलमोहर रोड क्रास नं 9 की तिवारी जी की मिठाई की दुकान में, फिर नुक्कड़ पर चाय की चुस्कियों के साथ और फिर बाद में सीडॅक के आगंतुक कक्ष में कोई दो घंटे से ऊपर, जम-कर मुम्बईया चिट्ठाकार संगोष्ठी कर डाली.
13.
जिस तरह घर में प्रत्येक कार्य के लिए अलग अलग कक्ष होते है, जैसे आराम के लिए शयनकक्ष, खाना बनाने के लिए रसोईघर, मेहमानों के लिए ड्राइंग रूम या आगंतुक कक्ष ठीक उसी प्रकार हमारे आध्यात्म के लिए भगवान का कमरा होता है जहाँ पर बैठ कर ध्यान पूजा पाठ और जप किया जा सकता है.
14.
जिस तरह घर में प्रत्येक कार्य के लिए अलग अलग कक्ष होते है, जैसे आराम के लिए शयनकक्ष, खाना बनाने के लिए रसोईघर, मेहमानों के लिए ड्राइंग रूम या आगंतुक कक्ष ठीक उसी प्रकार हमारे आध्यात्म के लिए भगवान का कमरा होता है जहाँ पर बैठ कर ध्यान पूजा पाठ और जप किया जा सकता है.