हमने कुछ देर ही रुकना था फ़िर आगे निकालना था बेट द्वारका और आगे पोरबंदर के लिए श्री द्वारका नाथ जी का मन्दिर पश्चिम समुन्दर के किनारे है यह हिंदू धरम के चार धामों में से एक माना जाता है यहाँ पर कृष्ण जी की प्रतिमा बहुत ही प्रभावशाली है...
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अपनी ताकत पहचान वह अपना भविष्य पिता-पति या लड़के के हाथ में देने के बदले अपने चूल्हा-चौकी से आगे निकालना चाह रही है वहीं यह नया बिहार अपने को बहलाने वाले बहेलियों को पहचान, एक बोतल खून के बदले शरीर का सारा रक्त निचोड़ लेने वाले खटमलों से पीछा छुडाना जान चुकी है.
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अपनी ताकत पहचान वह अपना भविष्य पिता-पति या लड़के के हाथ में देने के बदले अपने चूल्हा-चौकी से आगे निकालना चाह रही है वहीं यह नया बिहार अपने को बहलाने वाले बहेलियों को पहचान, एक बोतल खून के बदले शरीर का सारा रक्त निचोड़ लेने वाले खटमलों से पीछा छुडाना जान चुकी है.
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बहुत तलाश करने के बाद एक कमरा मिला ५०० रुपीस में. हमने कुछ देर ही रुकना था फ़िर आगे निकालना था बेट द्वारका और आगे पोरबंदर के लिए श्री द्वारका नाथ जी का मन्दिर पश्चिम समुन्दर के किनारे है यह हिंदू धरम के चार धामों में से एक माना जाता है यहाँ पर कृष्ण जी की प्रतिमा बहुत ही प्रभावशाली है...द्वारकानाथ जी के वस्त्र समय अनुसार बदले जाते हैं,होली,दिवाली.जन्माष्टमी के मौके पर इनका सिंगार देखने वाला होता है..