अरबी शब्दकोषों में शिया शब्द, किसी एक व्यक्ति या अनेक व्यक्तियों का किसी दूसरे का अनुसरण और आज्ञापालन करना, किसी की सहायता व समर्थन करना, तथा कथन या क्रिया में समझौते व समन्वयन के अर्थ में उपयोग किया जाता है।
12.
और औरत के लिए अपने पति की उपस्थिति में उसकी अनुमति के बिना नफ्ल (स्वैच्छिक) रोज़ा रखना जाइज़ नहीं है, और यदि वह उसे मना कर दे तो उसके लिए उसका आज्ञापालन करना ज़रूरी है, विशेषकर यदि उसके अंदर भ्रूण का हित निहित हो।
13.
पति को इस बात का आदेश है कि वह अपने परिवार की सुरक्षा करे और उन्हें हराम से रोक कर रखे, इसीलिए उचित यह है कि वह अपनी पत्नी को चेहरा ढाँकने पर आश्वस्त करने का प्रयास करे, यदि वह इनकार करे तो उसे पर्दा करने पर बाध्य करे और उसके ऊपर आज्ञापालन करना अनिवार्य है ;
14.
1-अल्लाह तआला ने हमारे ऊपर पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का आज्ञापालन करना अनिवार्य कर दिया है, अल्लाह तआला ने फरमाया: ” और अल्लाह के हुक्म की पैरवी करो और रसूल की इताअत करो और होशियार रहो और अगर तुम ने मुँह फेरा तो जान लो कि हमारे रसूल पर खुला संदेश (पैगाम) पहुँचा देना है।
15.
क़ुरआने करीम में शिया शब्द या उसके व्युत्पन्न (शियअ, अशयाअ) अपने शाब्दिक अर्थ में ही उपयोग होते हैं अर्थात ऐसा गुट जो एक बात पर सहमत हो, किसी विशेष धर्म व समुदाय का आज्ञापालन करना, कुछ लोगों का कुछ दूसरों का आज्ञापालन करना, जैसे बनी-इस्राईल का एक व्यक्ति जो क़िब्ती से मुकाबला कर रहा था, उसे क़ुरआन ने मूसा का शिया कहा है
16.
क़ुरआने करीम में शिया शब्द या उसके व्युत्पन्न (शियअ, अशयाअ) अपने शाब्दिक अर्थ में ही उपयोग होते हैं अर्थात ऐसा गुट जो एक बात पर सहमत हो, किसी विशेष धर्म व समुदाय का आज्ञापालन करना, कुछ लोगों का कुछ दूसरों का आज्ञापालन करना, जैसे बनी-इस्राईल का एक व्यक्ति जो क़िब्ती से मुकाबला कर रहा था, उसे क़ुरआन ने मूसा का शिया कहा है