मगर वो उसके सोचते-सोचते ही बडी हो गई और उसने रेशमी कपडे में लपेटकर आतिशदान पर रख दीं।
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आतिशदान के ऊपर बाघ की भूसा भरी खाल को लकड़ी के स्टैण्ड पर कसकर दीवार पर लगा दिया गया था।
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फिर साथ-साथ आतिशदान के पास बैठकर कोयले के अंगारों को देखते रहे जबकि घड़ी साढ़े दस, ग्यारह और साढ़े ग्यारह बजाती गई.
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जहाँ मैं बैठा था, उसके ठीक सामने वाली दीवार पर एक खूबसूरत आतिशदान बना था जिसके चारों ओर पीतल गढ़कर कार्विंग सी की गई थी।
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होटल ९एकड़ के जंगल के फैलाव पर स्थित है, और हर कक्ष में हैं काष्ठ के बने भीतरी भाग, पीतल से बना आतिशदान और आर्ट डीको फर्नीचर।
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शहरों में बिजली के बढ़ते इस्तेमाल के चलते किसी समय घरों को गर्म करने वाले आतिशदान भी नये ज़माने के वास्तुकला के लिहाज से ग़ायब हो चुके हैं.
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गद्देदार बेहतरीन सोफे, काँच लगी मेजें, बेहतरीन लकड़ी के स्टूल, शोकेस, उन पर रखे फूलदान-फ़ोटोज, टेबिल लैम्प, आतिशदान और दो बड़ी अल्मारियों में रखे, दीवारों पर टंगे फ्रेम जड़े अन्य छोटे-बड़े फ़ोटोज।
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गद्देदार बेहतरीन सोफे, काँच लगी मेजें, बेहतरीन लकड़ी के स्टूल, शोकेस, उन पर रखे फूलदान-फ़ोटोज, टेबिल लैम्प, आतिशदान और दो बड़ी अल्मारियों में रखे, दीवारों पर टंगे फ्रेम जड़े अन्य छोटे-बड़े फ़ोटोज।
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लो फिर समेट लिया मैंने अपना आसमान अभी कल ही तो खोली थी अपनी मुट्ठी मैंने और फैला दिया था दूर-दूर तक ताने थे सुन्दर वितान कुछ ख्वाहिशों के रंग से रंग डाला था इन्द्रधनुष कुछ उम्मीदों की चमक से चमकाया सूरज का आतिशदान नन्हीं-नन्हीं हसरतों के सितारे टाँके झिलमिला उठा मेरा आकाश पर न क्यूँ तुम्हें न भाए...