| 11. | आत्मन! पुनश्च, अणुवत मुझमें प्रविष्ट हो जाइए।
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| 12. | बसा आत्मन कभी सत्य हो, मन ही मन नीरव
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| 13. | प्रिय आत्मन, आजके सांध्य कालीन सत्र मे आपका स्वागत है.
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| 14. | वहीं सचेतन को जुंग ने मुख्यतः आत्मन से जोड़ा है.
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| 15. | वहीं सचेतन को जुंग ने मुख्यतः आत्मन से जोड़ा है.
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| 16. | बसा आत्मन कभी सत्य हो, मन ही मन नीरवयाचन हूँ।
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| 17. | कलयुग झलकत हर आत्मन तर ॥
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| 18. | ·अम्बर की पाती धरती के नाम प्रिय आत्मन! शुभाशीष......
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| 19. | कभी उसे अपने आत्मन का दर्शन करने नहीं दिया गया ।
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| 20. | आत्मन तथा विश्व एक हैं, और वे ही समष्टि हैं।
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