बाइबिल के प्रारंभ में आदम और हौवा का निवास स्थान एक वाटिका के रूप में चित्रित है और उसे पैराडाज अथवा अदनवाटिका कहा गया है।
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आदम और हौवा, सुख और दुःख, स्वर्ग और नर्क की ही तरह राजसत्ता और भ्रष्टाचार है, मानो कि यह एक राजनीति का सहकारिता आंदोलन है.
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भारत को खुसरो ने पृथ्वी का स्वर्ग माना है और लिखा है कि आदम और हौवा जब स्वर्ग से निकले थे, तब वे इसी देश में उतरे थे ।
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मांस खाना ज़रूरी न होने की सबसे ठोस दलील यह है कि दुनिया की सृजन करने वाले ने आदम और हौवा के मूल आहार में भी मांस शामिल नहीं किया था.
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क्रांतिकारियों का यह सिद्धान्त नितान्त सत्य, सरल और सीधा है और यह ध्रुव सत्य आदम और हौवा के समय से चला आ रहा है तथा इसे समझने में कभी किसी को कठिनाई नहीं हुई।
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क्योंकि सास भी कभी बहू थी! एक दोस्त दूसरे दोस्त से-बता दुनिया के सबसे सुखी और भाग्यशाली पति-पत्नी कौन थे? दूसरा दोस्त पहले से-आदम और हौवा क्योंकि उनकी कोई सास नहीं थी।
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वह पहला संवाददाता कौन था-माफ कीजिए, कौन थी? आदम और हौवा की परम्परा तो काफ़ी नहीं है क्योंकि बाइबल के वंशनुक्रम से हिसाब लगाएँ तो पहला संवाद कुल चार-छ: हजार बरस पुराना कूता जाता है।
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नन्हीं गोली, बड़े गुण यह भी कैसी अजीब बात है कि एक वर्जित फल (सेब) का स्वाद तो चखा आदम और हौवा ने और उस 'गुनाह की सजा भुगत रही हैं उनकी भावी पीढि़याँ जिन्हें अब 'गोलियाँ खानी पड़ रही हैं गोलियाँ गर्भ निरोध की।
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ईडेन के बगीचे में निकला साँप किस प्रजाति का था? कहते हैं न शैतान आदम और हौवा के मन में “विकार ” लाने के लिए साँप का रूप लेकर आया-आख़िर वह किस साप का रूप लेकर आया? कौन बताएगा इसे? कोशिश कीजिये हो सकता है हम उस सा...
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इकारस के मिथक का यह नया रूप था, आदम और हौवा मनुष्य से देवदूत बनने की कोशिश के बतौर ईश्वर के आदेश के विरुद्ध जाते हुए ज्ञान का फल खा लेते हैं तो उन्हें सज़ा मिलती है, उन्हें पापी घोषित कर दिया जाता है, और मृत्यु के हाथों सौंप दिया जाता है।