ऐपणों में एक स्पष्ट अन्तर यह है कि ब्राह्मण गेरु मिट्टी से धरातल का आलेपन कर चावल के आटे के घोल से सीधे ऐपणों का आलेखन करते हैं परन्तु साहों के यहाँ चावल की पिष्टि के घोल में हल्दी डालकर उसे हल्का पीला अवश्य किया जाता हैं तभी ऐपणों का आलेखन होता है।
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ऐपणों में एक स्पष्ट अन्तर यह है कि ब्राह्मण गेरु मिट्टी से धरातल का आलेपन कर चावल के आटे के घोल से सीधे ऐपणों का आलेखन करते हैं परन्तु साहों के यहाँ चावल की पिष्टि के घोल में हल्दी डालकर उसे हल्का पीला अवश्य किया जाता हैं तभी ऐपणों का आलेखन होता है।
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धरती, आकाश और पाताल, तीनों में प्रवाहित हो रहा है वह तरल जल-प्रवा ह. गगन मार्ग से ही उतरी थीं गंगा. भस्मालेपी के जटा-जूट में समा कर उस आलेपन को धारण कर लिया अपनी अपार जल-राशि में. वही श्वेतिमा लहर-जाल में समा गई जिसका विस्तार सारे आकाश को आपूर्ण किए है.
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मेरे जीवन की तल्ख़ियाँ मेरी झुर्रियों में जमीं हैं आओ अपनी सरल मुस्कान का इन पर आलेपन करो नहीं चाहिए मुझे एंटिरिंकल क्रीम यह मेरे चेहरे की पथराई नाराज़ी न तुम्हारे लिये है, न ही है तुम्हारे कारण जो इसे यहाँ जड़ गए वो अब नहीं रहे फिर भी आभारी हूँ उनकी कि तुम्हें ख़ुश देख सकूँ!
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वह उसकी शैशवावस्था, विद्यार्थी और ग्रहस्थ जीपन में उसके दुग्धपान, आचमन, जल-ग्रहण, भोजन और मलमूत्र त्याग, धोना, सफाई, प्रक्षालन, स्नान, आलेपन और वस्त्राभूषण ग्रहण, उठने-बैठने, झुकने, चलने, मिलने-जुलने, यात्रा करने, बोलने, पठन-पाठन, श्रवण और ध्यान, गायन, कार्य सम्पादन, खेल-कूद और लड़ने के तरीके निश्चित करती हैं!