मुख्य कारण हैं-धोखेधड़ी वाले तरीक़ों से हस्तान्तरण, मौखिक सौदों के आधार पर अलिखित हस्तान्तरण, तथ्यों के ग़लत प्रस्तुतिकरण और उद्देश्यों की ग़लत बयानी के आधार पर हस्तान्तरण, आदिवासी भूमि पर बलपूर्वक क़ब्ज़ा करना, अवैध विवाहों के आधार पर हस्तान्तरण, सांठ-गांठ द्वारा मिल्कियत के दावे, सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया, अतिक्रमणों को हटाने के समय अभिलेखों में ग़लत इन्दराज और लकड़ी और वन्य उत्पादन के शोषण के नाम पर और यहां तक कि कल्याणकरिता के विकास के नाम पर हस्तान्तरण. ”