यहाँ तक कि ' मेम साहब ' की साड़ियाँ दिल्ली से राजधानी-दुरंतो द्वारा धुलने के लिए सियालदह आती रही हैं और इन सबका भुगतान विभिन्न डिपुओं के ' इम्प्रेस्ट ' से किया जाता रहा है तथा यह राशन-पानी, शाक-सब्जियां और तमाम कपड़े-लत्ते दिल्ली पहुँचाने रेलवे का स्टाफ जाता-आता रहा है.
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सूत्रों के अनुसार किसी भी काम में देरी होने पर आवेदनकर्ता को उतने दिन का भुगतान तत्काल कर दिया जायेगा जितने दिन की देरी हुई है, चूंकि जुर्माना संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर होगा, इसलिए माह के अंत में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को माह के दौरान अदा किये गये कुल जुर्माने की राशि को अपनी जेब से इम्प्रेस्ट मनी में डालकर पूरा करना होगा.