राजशेखर रेड्डी ने इन दोनों भाईयों को 17, 000 एकड़ की ज़मीन लगभग मुफ़्त में दी है ताकि वे इस पर इस्पात का कारखाना लगा सकें जिसमें उनका बेटा जगनमोहन भी भागीदार है।
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राजशेखर रेड्डी ने इन दोनों भाईयों को 17, 000 एकड़ की ज़मीन लगभग मुफ़्त में दी है ताकि वे इस पर इस्पात का कारखाना लगा सकें जिसमें उनका बेटा जगनमोहन भी भागीदार है।
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लेकिन मेरे बारे में कठिनाई यह थी कि मैं उस संस्था का पहला लेखक-अतिथि था! मुझसे पहले जो अध्येता आते रहे, उन सबकी रुचि दूसरी दिशाओं में थी: कोई इस्पात का कारखाना देखना चाहता था तो कोई जन-विद्युत् की व्यवस्था, कोई पूर्वनिर्मित (प्री-फैब्रिकेटेड) घरों का अध्ययन करने आया था तो कोई समाज-कल्याण के कानूनों का, कोई कागज बनाने के कारखाने देखना चाहता था तो कोई सहकार संघ का केंद्रीय कार्यालय।