नेता यानि की जो लोगो के द्वारा चुने जाते है ऐसे व्यक्ति के तौर पर जो उनके प्रश्नों, समस्या और उनके सुजाव को उचित अधिकारी तक पहुचाए और लोगो की भावनाओ को उचित न्याय दिलवाए I और जिनके लिए जनता जनार्दन के सुख और खुशियों में अपनी ख़ुशी को ढूंढे I नेता जो की निस्वार्थ भावना से लोगो के हर काम को पूरा करे I
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हम स्वयं जिस भ्रम में थे, वह दूर हो गया और दूसरे जो लोग हमारी ही तरह सोचते रहे होंगे उनके भ्रम का निराकरण करते रहे, अपने साक्षात्कार प्रसंग को याद रखते हुए दुहराया कि अपनी पात्रता पहले ही अर्जित न कर ली हो तो उनसे भेंट हो जाना अशक्य है, क्योंकि वे सूक्ष्म शरीर में होते हैं और उचित अधिकारी के सामने ही प्रकट होते हैं।