यह विज्ञान का सिद्धान्त है कि उच्च विभव से वोल्टेज नीचे विभव वाली वस्तु में जाता है, या उँची टंकी का पानी निचली सतह की टंकी में जाता है।
12.
इस विधि में खनिज के कण उच्च विभव के समीप भेजे जाते हैं, जिससे खनिज के विभिन्न अवयव भिन्न्-भिन्न मात्रा में अपने मार्ग से विचलित होते हैं और इस प्रकार भिन्न-भिन्न स्थानों पर गिरते हैं।
13.
यदि कांच की नलिका में से वायु को पंप से क्रमश: निकाला जाए और उसमें उच्च विभव का विद्युद्विसर्जन किया जाए, तो दाब के पर्याप्त अल्प होने पर वायु स्वयं प्रकाशित होने लगती है।
14.
जब किसी चालक (जैसे धातु का तार) के दोनो सिरों के बीच मे विभवान्तर स्थापित किया जाता है, तो चालक के भीतर उपस्थित इलेक्ट्रान निम्न विभव से उच्च विभव की ओर गति करना आरम्भ कर देते हैं ।
15.
ज्ञात रहे कि यदि किसी निर्वात नली (Vacuum Tube) में दो इलेक्ट्रोड लगाकर उनके बीच उच्च विभव (High Potential) दिया जाये तो ऋणात्मक इलेक्ट्रोड यानि कैथोड से विशेष प्रकार की अदृश्य किरणें निकलती हैं जिन्हें कैथोड किरणें कहा जाता है।
16.
इस कूलिज नलिका पर आधारित, किंतु आवश्यक परिवर्तनों से युक्त अनेक प्रकार की एक्सरे नलिकाओं में एक अपचायी परिणामित्र (स्टेप डाउन ट्रैंसफॉर्मर) से आवश्यक प्रत्यावर्ती धारा पहुँचाई जाती हैं और एक उच्चायी परिणामित्र (स्टेप अप् ट्रैंसफ़ार्मर) से आवश्यक प्रत्यावर्ती उच्च विभव उत्पन्न किया जाता है।
17.
यदि कांच की एक लंबी नलिका को निर्वात पंप से जोड़कर भीतर की वायु में उच्च विभव की विद्युद्वारा प्रवाहित की जाए तो प्रारंभ में, जब दाब अधिक रहती है तब, कोई क्रिया दिखाई नहीं देती, किंतु वायु की दाब जब अल्प हो जाती है तब पहले दोनों विद्युदग्र द्युतिमान होते हैं।
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यदि कांच की एक लंबी नलिका को निर्वात पंप से जोड़कर भीतर की वायु में उच्च विभव की विद्युद्वारा प्रवाहित की जाए तो प्रारंभ में, जब दाब अधिक रहती है तब, कोई क्रिया दिखाई नहीं देती, किंतु वायु की दाब जब अल्प हो जाती है तब पहले दोनों विद्युदग्र द्युतिमान होते हैं।
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“ ट्रांसफार्मर से सभी लोग भली भांति परिचित होंगे | यह वह विद्युत उपकरण है जो आवश्यकता अनुसार उच्च विभव को निम्न विभव और निम्न विभव को उच्च विभव में परिवर्तित करता है | इसकी आतंरिक संरचना इस प्रकार की होती है कि, बस इससे विद्युत प्रवाहित होते ही इच्छित परिणाम मिल जाते हैं ” |
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“ ट्रांसफार्मर से सभी लोग भली भांति परिचित होंगे | यह वह विद्युत उपकरण है जो आवश्यकता अनुसार उच्च विभव को निम्न विभव और निम्न विभव को उच्च विभव में परिवर्तित करता है | इसकी आतंरिक संरचना इस प्रकार की होती है कि, बस इससे विद्युत प्रवाहित होते ही इच्छित परिणाम मिल जाते हैं ” |