लुंठित ध्वनि के साथ व्यतिरेक दिखाते हुए उत्क्षिप्त ध्वनियां ड़ / र्/ एवं इसका महाप्राण रूप ढ़ /र्ह्/ भी दो भिन्न स्वनिम हैं।
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लुंठित ध्वनि के साथ व्यतिरेक दिखाते हुए उत्क्षिप्त ध्वनियां ड़ / र् / एवं इसका महाप्राण रूप ढ़ / र्ह् / भी दो भिन्न स्वनिम हैं।
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यदि इसे परिभाषित करें तो वह यौवन जो खिलावट से भरा पूरा, उन्मादित, उत्क्षिप्त, पूर्णत: को धारण किए है ; ऐसा बीज जिसमें अस्तित्व और पहचान की अपार संभावनाएँ व्याप्त हैं.
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ध्वनि मुक्ति के कारण कई संयुक्त व्यंजनान्त और उत्क्षिप्त प्रतिपादिक वस्तुत: व्यंजनान्त नही होते और स्वरांत कोटि में रखे जाते हैं यथा--बल्द, घट्ट, गूड़ (हिंदी अर्थ-बैल पनचक्की, गुड़) जो सभी एकवचन अविकारिकारक हैं कुमाउनी संज्ञा लिंग भेद १-कुमाउनी में अधिकतर पुल्लिंग एक बचन संज्ञाएँ ओकारांत होती हैं और अधिकतर स्त्रीलिंग एकवचन इकारांत होती हैं.